भगवान श्रीक्रष्ण की 16 कलाओं का रहश्य..............
आप सभी जानते है कि भगवान श्री क्रष्ण 16 कलाओं से उत्पन्न हुए थे । ये 16 कलाएं कौन सी है और उनका जीवन के साथ क्या संबंध है ? ये मैं आपको बताता हूँ ।
1-प्राची दिग कला
2- दक्षिण दिग कला
3—प्रतीची दिग कला
4 ---उदीची दिग कला
5-प्रथ्वी कला
6-अन्तरिक्ष कला
7- समुद्र कला
8- वायु कला
9-चन्द्र कला
10-सूर्य कला
11- विधुत कला
12-अग्नि कला
13-मन कला
14-चक्षु कला
15 घ्राण कला
16--श्रोत कला
प्राची दिग कला को पूर्व दिशा भी कहते है । पूर्व दिशा का रहस्य क्या है ?
यह दिशा बहुत ऊर्जात्मक क्यो है ? इस दिशा की पूरी जानकारी भगवान क्रष्ण जानते थे । दक्षिण दिग कला को दक्षिण दिशा , प्रतीची दिग कला को पश्चिम दिशा और उदीची दिग कला को उत्तर दिशा कहते है । इन दिशाओं मे क्या क्या उपलब्ध है ? इस सभी दिशाओं के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रहश्य को भगवान श्री क्रष्ण जानते थे ।
प्रथ्वी कला – प्रथ्वी मे कहाँ मीठा पानी है और कहाँ कड़वा पानी है , कहाँ सोना और चाँदी है और प्रथ्वी के अंदर क्या क्या खनिज लवण छिपा है तथा प्रथ्वी कैसे बनी और प्रथ्वी का आधार क्या है ? उन सभी रहश्यों को भगवान श्री क्रष्ण जानते थे । इसी प्रकार अन्तरिक्ष क्या है ? और इसका वैज्ञानिक रहश्य क्या है ? अन्तरिक्ष क्यो बना ? और अन्तरिक्ष मे क्या क्या उपलब्ध है ? समुद्र और वायु का रहश्य क्या है ? इतना विशाल समुद्र क्यो बना है ? वायु कैसे काम करती है और वायु कितने प्रकार की है ? समुद्र और वायु कला के वैज्ञानिक रहश्य क्या है ? जीवन पर इनके प्रभाव को भगवान श्री क्रष्ण जानते थे ।
चन्द्र कला , सूर्य कला , विधुत कला और अग्नि कला के वैज्ञानिक रहश्य क्या है ? चंद्रमा का जीवन के साथ संबंध क्या है ? चन्द्र लोक पर क्या क्या है ? चंद्रमा की शीतलता का राज क्या है ? चंद्रमा जीवन कैसे देता है ? सूर्य की आग का रहश्य क्या है ? सूर्य इतना प्रकाश कैसे देता है ? सूर्य को कौन चलाता है ? ये आसमान मे तड़कती बिजली का वैज्ञानिक रहश्य क्या है ?और आग क्यो जलती है ? अग्नि तत्व क्यो बना ? अगर आग न होती तो जीवन कैसे चलता ? आग कितने प्रकार की है और जीवन के साथ क्या संबंध है ? इस सभी कलाओं को भगवान श्री क्रष्ण जानते थे ।
मन कला , चक्षु कला , घ्राण और श्रोत कला के शरीर के उपर क्या प्रभाव है ? मन क्या है ? कैसे काम करता है ? शरीर मे मन कहाँ रहता है ? आंखे कैसी काम करती है ? कहाँ से मिलती है आंखो को रोशनी ? आंखो का आध्यात्मक और वैज्ञानिक रहश्य क्या है ? कैसे हम स्वाद को पहचानते है ? स्वाद कितने प्रकार का है अगर स्वाद न होता तो क्या होता ? सूंघने का वैज्ञानिक रहश्य क्या है ? नाक क्यो बनी ? तथा शब्दो का विज्ञान क्या है ? शब्द कहाँ से आते है ? इन शब्दो को कौन बनाता है ? शब्द ही जीवन देते है शब्दो से जीवन कैसे चलता है ? इन सभी 16 कलाओं मे मेरे भगवान श्री क्रष्ण पारंगत थे । जो योगी इन 16 कलाओं के विज्ञान को जान लेता है वही योगी भगवान के द्वारा रचित इस ब्रहमाण्ड को और ब्रह्म ज्ञान को जान लेता है ।
1-प्राची दिग कला
2- दक्षिण दिग कला
3—प्रतीची दिग कला
4 ---उदीची दिग कला
5-प्रथ्वी कला
6-अन्तरिक्ष कला
7- समुद्र कला
8- वायु कला
9-चन्द्र कला
10-सूर्य कला
11- विधुत कला
12-अग्नि कला
13-मन कला
14-चक्षु कला
15 घ्राण कला
16--श्रोत कला
प्राची दिग कला को पूर्व दिशा भी कहते है । पूर्व दिशा का रहस्य क्या है ?
यह दिशा बहुत ऊर्जात्मक क्यो है ? इस दिशा की पूरी जानकारी भगवान क्रष्ण जानते थे । दक्षिण दिग कला को दक्षिण दिशा , प्रतीची दिग कला को पश्चिम दिशा और उदीची दिग कला को उत्तर दिशा कहते है । इन दिशाओं मे क्या क्या उपलब्ध है ? इस सभी दिशाओं के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रहश्य को भगवान श्री क्रष्ण जानते थे ।
प्रथ्वी कला – प्रथ्वी मे कहाँ मीठा पानी है और कहाँ कड़वा पानी है , कहाँ सोना और चाँदी है और प्रथ्वी के अंदर क्या क्या खनिज लवण छिपा है तथा प्रथ्वी कैसे बनी और प्रथ्वी का आधार क्या है ? उन सभी रहश्यों को भगवान श्री क्रष्ण जानते थे । इसी प्रकार अन्तरिक्ष क्या है ? और इसका वैज्ञानिक रहश्य क्या है ? अन्तरिक्ष क्यो बना ? और अन्तरिक्ष मे क्या क्या उपलब्ध है ? समुद्र और वायु का रहश्य क्या है ? इतना विशाल समुद्र क्यो बना है ? वायु कैसे काम करती है और वायु कितने प्रकार की है ? समुद्र और वायु कला के वैज्ञानिक रहश्य क्या है ? जीवन पर इनके प्रभाव को भगवान श्री क्रष्ण जानते थे ।
चन्द्र कला , सूर्य कला , विधुत कला और अग्नि कला के वैज्ञानिक रहश्य क्या है ? चंद्रमा का जीवन के साथ संबंध क्या है ? चन्द्र लोक पर क्या क्या है ? चंद्रमा की शीतलता का राज क्या है ? चंद्रमा जीवन कैसे देता है ? सूर्य की आग का रहश्य क्या है ? सूर्य इतना प्रकाश कैसे देता है ? सूर्य को कौन चलाता है ? ये आसमान मे तड़कती बिजली का वैज्ञानिक रहश्य क्या है ?और आग क्यो जलती है ? अग्नि तत्व क्यो बना ? अगर आग न होती तो जीवन कैसे चलता ? आग कितने प्रकार की है और जीवन के साथ क्या संबंध है ? इस सभी कलाओं को भगवान श्री क्रष्ण जानते थे ।
मन कला , चक्षु कला , घ्राण और श्रोत कला के शरीर के उपर क्या प्रभाव है ? मन क्या है ? कैसे काम करता है ? शरीर मे मन कहाँ रहता है ? आंखे कैसी काम करती है ? कहाँ से मिलती है आंखो को रोशनी ? आंखो का आध्यात्मक और वैज्ञानिक रहश्य क्या है ? कैसे हम स्वाद को पहचानते है ? स्वाद कितने प्रकार का है अगर स्वाद न होता तो क्या होता ? सूंघने का वैज्ञानिक रहश्य क्या है ? नाक क्यो बनी ? तथा शब्दो का विज्ञान क्या है ? शब्द कहाँ से आते है ? इन शब्दो को कौन बनाता है ? शब्द ही जीवन देते है शब्दो से जीवन कैसे चलता है ? इन सभी 16 कलाओं मे मेरे भगवान श्री क्रष्ण पारंगत थे । जो योगी इन 16 कलाओं के विज्ञान को जान लेता है वही योगी भगवान के द्वारा रचित इस ब्रहमाण्ड को और ब्रह्म ज्ञान को जान लेता है ।
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